बसखारी अंबेडकर नगर। सोमवार को इस्लाम धर्म के पैगंबर मोहम्मद साहब का जन्मदिन घरों पर बिजली की सजावट एवं जुलूस निकालकर बड़े धूमधाम के साथ मनाया गया। इस पर्व को मनाने के लिए मस्जिदों व घरों पर इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों के द्वारा रंग बिरंगी झालरों की सजावट दो दिन पूर्व ही शुरू कर दी गई थी।मुस्लिम कैलेंडर की 12 रवि अव्वल की तारीख को मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोगों ने धर्म से संबंधित धार्मिक स्थलों के प्रारूप को वाहनों पर सजाकर डीजे की संगीतमय धुनों एवं मो साहब के जयकारों के बीच जूलूस निकाला गया। जुलूस का जगह-जगह पुष्प वर्षा कर एवं जलपान के लिए स्टाल लगाकर कर स्वागत किया गया। बसखारी में सज्जादानशीन मोइनुद्दीन अशरफ के निवास से निकाला गया जुलूस डोडो बसखारी होते हुए पुनः सज्जदा नशीन के आवास पर पहुंचकर संपन्न हुआ। इस दौरान जुलूस में शामिल लोगों के लिए डोडो में इब्राहिम अहमद के नेतृत्व में बसखारी बाजार में सभासद मोहम्मद कैफ,खालीक अशरफ,फैजान मोहम्मद चांद , पूर्व एमएलसी विशाल वर्मा,सना स्वीट हाउस पर पीके चैरिटेबल ट्रस्ट के अध्यक्ष शरद यादव एवं ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष जावेद राइन, मोहम्मद इरफान, उमर अरशद,राइन, आफताब राइन, इरशाद राइन,अफजल राइन, शोएब ,इकबाल,जुहेद खान आदि के नेतृत्व में जुलूस पर पुष्प वर्षा एवं जलपान कराते हुए स्वागत किया गया। सना स्वीट हाउस पर लगाये जलपान एवं भोजन शिविर का उद्घाटन सैयद खलीक अशरफ एवं सैय्यद फैजान अशरफ ने फीता काट कर किया।वही किछौछा में मखदूम अशरफ के आस्ताने से निकल गया जुलूस कर्बला मैदान,पूरा बाजगोती, निजामुद्दीन नगर, खादिम ओला ,माली चौराहा होते हुए किछौछा बाजार कोतवाली मस्जिद तक आया। जहां पर अंजुमन आता ए रसूल की जाने से कोतवाली मस्जिद पर नातिया मुकाबला का आयोजन किया गया। बता दें कि मौलिद-उन-नबी’ का मतलब है हज़रत मुहम्मद का जन्म दिन है।यह त्यौहार 12 रबी अल-अव्वल को मनाया जाता है मीलाद उन नबी संसार का सबसे बड़ा जशन माना जाता है। 1588 में उस्मानिया साम्राज्य में यह त्यौहार का प्रचलन मुस्लिम जन मानस में सर्वाधिल प्रचलित हुआ। इस दौरान सुरक्षा के लिए क्षेत्राधिकार, थाना प्रभारी निरीक्षक कुमार सिंह भारी पुलिस बल के साथ मौजूद रहे।इस दौरान नगर पंचायत अशरफपुर किछौछा अध्यक्ष ओमकार गुप्ता के निर्देश पर मुकम्मल साफ सफाई की व्यवस्था भी रही।