जलालपुर अंबेडकर नगर। फर्जी दस्तावेज तैयार कर मृत हुए व्यक्ति की खतौनी पुत्रो के नाम के बजाय दूसरे के नाम दर्ज किये जाने के मामले मे फर्जी वरासत चढाने वाले लेखपाल व कानूनगो के विरुद्ध कार्यवाही किया लेकिन अन्य लोगों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न होने से लोगों में असंतोष व्याप्त है।प्रकरण स्थानीय तहसील के नत्थूपुर खुर्द निवासी हरीलाल का है।विदित हो कि हरीलाल के पिता मुरली की मौत 6 जनवरी 24 को हो गई थी और एक दिन पूर्व यानि 5 जनवरी को इसका मृत प्रमाण पत्र जारी हो गया।मृतक के नाम दुल्हुपुर गांव में गाटा संख्या 163 खतौनी दर्ज थी।मृतक के पुत्र हरीलाल ने वरासत दर्ज कराने के लिए मृत्यु प्रमाणपत्र परिवार रजिस्टर की नकल समेत अन्य कागजात लगाकर ऑनलाइन आवेदन दर्ज किया था।जब इसका अवलोकन 26 जून को किया तो देखा इनके पिता के नाम की खतौनी इनके चाचा के पुत्रो सीताराम और मिठाई लाल पुत्रगण जवाहिर के नाम दर्ज की जा चुकी है।पिता की खतौनी चेचेरे भाईयो के नाम दर्ज देख हरीलाल परेशान हो गया। न्याय पाने के लिए हरीलाल तहसील से लेकर उच्चाधिकारियों तक चक्कर लगाने लगा। कडी मशक्कत के बाद सप्ताह भर बाद तहसील प्रशासन द्वारा कानूनगो मायाराम व लेखपाल ओकार निषाद के विरुद्ध कार्यवाही की गयी। लेकिन प्रशासन द्वारा फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने वाले व जमीन को वरासत कराने वाले के विरुद्ध कोई कार्यवाही अभी तक नही की गयी। जबकि पीड़ित इन सभी के विरुद्ध कार्यवाही कराने के लिए अधिकारियों का दरवाजा खटखटा रहा है। अब सवाल उठता है कि आखिरकार जब कानूनगो व लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई हो गई तो अन्य लोगों के विरुद्ध पुलिस प्रशासन कार्रवाई करने से क्यों गुरेज कर रही है जो तमाम सवालों को जन्म दे रहा है ।