@ गिरीश मिश्रा
जलालपुर अम्बेडकरनगर। लगभग 25 लाख रुपए खर्च होने के बाद अमृत सरोवर बरसात के चलते बह गया। यह हम नही ब्लकि खण्ड विकास अधिकारी भियांव ने कहा है, जो लोगों के गले के नीचे नही उतर रहा है। प्रकरण भियांव विकास खण्ड अन्तर्गत निमटिनी गांव का है। सरकार द्वारा जल संचयन, सिंचाई सहित अन्य कार्यो के लिए अमृत सरोवर का निर्माण करवाया जा रहा है। परन्तु अधिकारियों की मनमानी के चलते सरकार के मंशा फलीभूत नहीं हो पा रही है। विदित हो कि निमटिनी गांव मे अमृत सरोवर के निर्माण के लिए 2022-2023 के लिए चयन हुआ था, जिसके लिए 36 लाख 91 हजार रुपये अनुमोदित किया गया था। जिसका दो वर्ष पूर्व फरवरी माह मे कार्य प्रारंभ हो गया।सूत्रों के अनुसार इस कार्य मे लगभग 25 लाख रुपये खर्च कर दिए गये है लेकिन तब्दीली कुछ भी नही दिखायी पड रहा है। इतना रुपया खर्च होने के बावजूद गेट के नाम पर दो पिलर छोटे छोटे खड़े कर दिये गये है, जबकि यहां जाने का रास्ता नही है। अब यहा लगभग एक वर्ष से निर्माण कार्य ठप्प पडा़ हुआ है। इतना सब कुछ होने के बाद भी अधिकारी गण दूसरा राग अलापना शुरू कर दिए है। इतना ही नही सरोवर के चारों तरफ झांडियां उग गयी है। हजारों रुपये खर्च कर पेड़ पौधे लगाये गये परन्तु रखरखाव के अभाव मे सब नष्ट हो गये। अधिकारियों को यहां का विकास कार्य नही दिखायी पड रहा है और न ही इसके हकीकत को परखने की कोशिश कर रहे हैं। जिससे लाखों रुपए खर्च होने के बाद भी अपना असली रुप नही ले सका। ग्रामीणों में चर्चा है कि यहां जबरदस्त खेल हुआ है और कई वर्ष से बरसात भी औसत से कम हुआ है। इस सम्बंध मे खंड विकास अधिकारी अंजलि भारती ने बताया कि सब कुछ बना हुआ था मगर बरसात मे सब बह गया है और पिलर आदि को ग्रामीणों ने तोड दिया है। अब सवाल उठता है कि क्या खंड विकास अधिकारी का यह जबाव लोगों के गले उतर रहा है। ऐसे मे यह भ्रष्टाचार का मामले को दबाने का प्रयास तो नही है। फिलहाल ग्रामीण इस मामले मे शासन से जांच कर उचित कार्यवाही की मांग कर रहे है।