◆ हनुमानजी महाराज के निशान को लेकर निकाली गई शोभायात्रा
अयोध्या। रामनगरी में बुधवार को संतों-महंतों के बीच रंगभरी एकादशी को लेकर उत्साह देखने को मिला। रंगभरी एकादशी को हनुमानगढ़ी मंदिर में हनुमान जी को गुलाल लगाने के साथ उत्सव का आरंभ हुआ। प्राण प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या की पहली रंगभरी एकादशी बड़े ही धूमधाम से मनाई गई।
अखिल भारतीय निर्वाणी अखाड़ा हनुमानगढ़ी के संतों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर होली खेली। इससे पूर्व संतों ने हनुमान जी के निशान की पूजा की। संतो द्वारा होली खेलते हुए हनुमान जी के निशान को साथ में लेकर अयोध्या की पंचकोसी परिक्रमा की। क्योंकि प्रभु राम अपने भव्य महल में 500 वर्ष बाद विराजमान हुए हैं, तो होली का उत्साह और अधिक बढ़ जाता है। हनुमानगढ़ी के नागा साधु हनुमान जी के साथ मठ मंदिरों में होली का निमंत्रण दे रहे हैं। अयोध्या नगर में सिद्धपीठ नाका हनुमानगढ़ी,सहादतगंज हनुमानगढ़ी, रिकाबगंज हनुमानगढ़ी मे भी रंगभरी एकादशी की धूम रही। प्रातः रामनगरी के हजारों मंदिरों में विराजमान विग्रहों के भोग आरती, साज-सज्जा के साथ उनके गुलाल लगाया गया।
रंगभरी एकादशी से होता है होलिकात्सव का शुभारंभ
फाल्गुन शुक्ल एकादशी रंगभरी एकादशी पर्व से अवध की होली का विधिवत शुभारंभ होता है। रंगभरी एकादशी के पर्व पर रामनगरी में संतों-महांतों ने अपने आराध्य के प्रति अनुराग प्रकट करते हुए अबीर-गुलाल उड़ाकर आराध्य के साथ होली खेली। यह परंपरा कई वर्षों से चली आ रही है। इस वर्ष भव्य तरीके से होली मनाई जा रही हैं।
इस दौरान निर्वाणी अखाड़ा के महंत मुरली दास, महंत संजय दास, वरिष्ठ पुजारी हेमंत दास, महंत राजू दास, पुजारी रमेश दास, अभय दास, अभिषेक दास, सत्यदेव दास, मणिराम दास और राजेश पहलवान सहित अन्य नागा साधु मौजूद रहे।