अंबेडकरनगर। बहुजन समाज पार्टी के तत्वाधान में कलेक्ट्रेट स्थित बाबा साहब की प्रतिमा के पास बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का 68 वा जन्म दिन जन कल्याणकारी दिवस के रूप में मनाया गया। पार्टी नेताओं ने अपने मुखिया मायावती को जन्मदिन की बधाई देते हुए दीर्घायु होने की कामना की।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व नेता विधान परिषद दिनेश चंद्रा ने अपने विचार रखते हुए कहा कि बहुजन समाज पार्टी अपने महापुरुषों की विचारधारा पर चलकर समाज में सामाजिक परिवर्तन कर अर्थात समतामूलक समाज की स्थापना करना चाहती है, बाबा साहेब आंबेडकर ने समाज की परिकल्पना की थी उन्हीं के पद चिन्हों पर चलते हुए कांशीराम ने सर्वसमाज को इकट्ठा करके उत्तर प्रदेश सूबे में मायावती को मुख्यमंत्री बनाने का काम किया, और आप सभी ने देखा होगा मायावती जी अपने शासनकाल में कानून व्यवस्था उनकी प्रथम प्राथमिकता रही कानून के साथ खिलवाड़ करने वालों को मायावती जेल के सलाखों तक पहुंचाने का काम किया।
पूर्व जिलाध्यक्ष प्रभारी अंबेडकर नगर अरविंद गौतम ने कहा कि आज देश प्रदेश में भाजपा की सरकार है, आये दिन लूट डकैती हत्या के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, किसान नौजवान त्रस्त है।
जिला प्रभारी डॉक्टर दयाराम राजभर ने विचार रखते हुए कहा कि बहुजन मूवमेंट न कभी थका है ,न कभी थकेगा, न कभी हारेगा, यह बहुजन महापुरुषों के विचारधाराओं का पवित्र आंदोलन है इसकी गति धीमी नहीं पड़नी चाहिए , हमें मायावती के साथ इस मूवमेंट का सिपाही बनकर समाज में कार्य करने की जरूरत है।
पूर्व प्रत्याशी जलालपुर राजेश सिंह ने कहा कि बहुजन समाज पार्टी के पदाधिकारी कार्यकर्ता मायावती द्वारा बसपा सरकार में किए गए जनकल्याणकारी योजनाओं को भी बूथ स्तर पर गांव गांव में जन जन तक पहुंचाने का काम करें, पुनः लोकसभा के चुनाव में बसपा को मजबूत करें।
जन्मदिन कार्यक्रम में पूर्व प्रत्याशी नगर पालिका अकबरपुर सुरेश वर्मा, पूर्ण नगर पालिका जलालपुर अध्यक्ष हाजी कमर हयात, सदस्य जिला पंचायत नीरज सिंह, रोहित प्रजापति, रामनयन निर्दोष, गुलाम केवड़िया आदि लोगों ने बहुजन समाज पार्टी की मुखिया को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनकी लंबी उम्र की कामना की। जन्मदिन कार्यक्रम का संचालन बसपा जिला अध्यक्ष सुनील सावंत ने किया।
सुरेश निषाद, राधेश्याम राजभर, अकरम इदरीसी, सैयद हुसैन, विनायक निषाद, राकेश गौतम, महेश शर्मा, कमलेश निषाद, छेदीराम मौर्य आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।