आलापुर अंबेडकर नगर । जिले के विभिन्न स्थान पर तैनात चौकीदारों की स्थिति है बेहद दयनीय। एक समय था जब प्रत्येक गांव में एक चौकीदार नियुक्त किया गया था। गांव में कहीं भी चोरी या झगड़ा होता था तो यही चौकीदार पुलिस की मदद करते थे। समय बीतता गया पुलिस का आधुनिकरण भी हो गया लेकिन यह बेचारे चौकीदार जहां के तहां ही रह गए। अब गांव में कहीं भी कोई भी लड़ाई झगड़ा होता है तो सीधे पुलिस उस मामले में जुड़ जाती है ना तो इन चौकीदारों से कोई सवाल जवाब होता है ना ही चौकीदारों की कहीं भी कोई अहमियत देता है। चौकीदारों को सिर्फ थानों में दो या तीन दिन की ड्यूटी दी जाती है। उस दो या तीन दिन की ड्यूटी में भी इन चौकीदारों से थाने में झाड़ू ,पोछा और साहब की गाड़ी साफ करने पर विवश किया जाता है। सवाल या नहीं है कि गाड़ी चौकीदार साफ करें। सवाल यह है कि आखिर इन चौकीदारों का कसूर क्या है। इतनी जिल्लत भरी जिंदगी जीने पर मजबूर हैं। आज के समय में हर थानों पर यह चौकीदार उपेक्षा की दृष्टि से देखे जाते हैं।