मिल्कीपुर, अयोध्या। गलत तरीके से चकमार्ग की पटाई करने का आरोप मिल्कीपुर तहसील के मवई कलां गांव निवासी सोमपाल तिवारी ने लगाया है। तहसीलदार मिल्कीपुर को इस सम्बंध में शिकायत पत्र भी उसने सौंपा है। सोमपाल का कहना है कि उसके बाग की भूमि के सीमांकन के लिए एसडीएम न्यायालय मिल्कीपुर के यहां वाद प्रस्तुत किया गया जिसमें उप जिलाधिकारी मिल्कीपुर द्वारा वर्ष 2015 में पत्थर नसब का आदेश पारित किया गया था। जिस पर राजस्व टीम ने पुलिस की मौजूदगी में वर्ष 2019 में पत्थर नसब की पैमाइश करा कर कब्जा दिलाया था।
सोमपाल ने आरोप लगाया कि उसके बाग के पश्चिम तरफ प्रधान उर्मिला देवी की खतौनी स्थित है जिसमें पत्थर नसब के दौरान खलिहान व चकमार्ग चिन्हित किया गया था। जिस पर प्रधान का कब्जा पाए जाने पर उन्हें बहुत जल्द खाली करने की हिदायत भी राजस्व टीम द्वारा दी गई थी। लेकिन प्रधान व उनका बेटा सुभाष तिवारी द्वारा खलिहान तथा चकमार्ग की सुरक्षित भूमि से अभी तक अपना कब्जा नहीं हटाया गया है। पीड़ित का यह भी आरोप है कि प्रधान तथा उनके बेटे सुभाष द्वारा बीते शनिवार को उनके बाग व खलिहान की भूमि पर चकमार्ग पटाई का कार्य शुरू किया गया। बिना किसी आदेश के प्रधान ने क्षेत्रीय लेखपाल ज्ञानेंद्र मिश्रा को बुला कर पैमाइश कराई तो लेखपाल ने हद् बरारी नाप को ग़लत बता कर अपने द्वारा की गई नाप को सही बताते हुए पूर्व में हुई नाप में गड़वाए गए सीमेंट के खंभे को तोड़वा कर फेंकवा दिया। साथ ही साथ हद् बरारी नाप के दौरान प्रधान के खतौनी में स्थित चकमार्ग को उसके बाग व खलिहान में बता कर प्रधान को पटाई कार्य शुरू कराने को कह कर वहां से चले गए। तहसीलदार प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि उक्त मामले की जांच करके आख्या रिपोर्ट राजस्व निरीक्षक मिल्कीपुर से मांगी गई है। यदि लेखपाल द्वारा बगैर किसी आदेश के पैमाइश करने गए हैं और हद् बरारी नाप को ग़लत साबित किया है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।