◆ तिवारीपुर की ऐतिहासिक रामलीला में रावण वध की लीलाओं का किया गया मंचन
अंबेडकरनगर। तिवारीपुर रामलीला रंगमंच पर अयोध्या से आए हुए कलाकारों ने रामलीला मंचन के नौवे दिन रावण वध तक की लीलाओं का मंचन किया।
जब राम व रावण का युद्ध हुआ तो हनुमान जी ब्राह्मण भिक्षु का वेश रचकर मंदोदरी के पास पहुंच गए और चतुराई से उसे हासिल कर भगवान राम को दे दिया था, जिससे उन्होंने रावण का वध किया था। भगवान राम के पास दिव्यास्त्रों के साथ विशेष तरकश भी था, जो कभी खाली नहीं होता था। बाण निकालते ही वह फिर बाणों से भर जाता था श्री राम रावण की नाभि में बाण मारते हैं और उसके अमृत को सूखा देते हैं उसके पश्चात श्री राम रावण का वध कर देते हैं।
रावण के वध के बाद राम ने लंका का राजपाट रावण के छोटे भाई विभीषण को सौंप दिया। वहीं कार्यक्रम में मुख्यातिथि के रुप में पूर्व जिलाध्यक्ष भाजपा कपिलदेव वर्मा, विधान सभा प्रत्याशी टांडा,जिला उपाध्यक्ष विमलेंद्र प्रताप सिंह मोनू, जिला अस्पताल में तैनात हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर संजय खरवार, डॉक्टर शैलेंद्र पाण्डेय, एम आर संघ के अध्यक्ष कौशलेश मिश्र भी मौजूद रहें। लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि कपिल देव वर्मा ने कहा कि भगवान राम निःस्वार्थ प्रेम के प्रतीक के रूप में जाने जाते हैं। उन्हें एक ऐसे अवतार के रूप में सम्मानित किया जाता है जो शुद्ध प्रेम की शक्ति दिखाने के लिए अवतरित हुए। अपने जीवन में कई दुर्भाग्य के बावजूद, उन्होंने कभी भी नफरत की ओर रुख नहीं किया बल्कि अपना दिल प्यार के लिए खुला रखा, एक ऐसा गुण जिसे हम सभी को शांतिपूर्ण जीवन के लिए विकसित करना चाहिए।
रावण वध के ही साथ श्री राम लीला महोत्सव तिवारीपुर में चल रहे रामलीला मंचन के नौवें दिन की लीला का समापन हो जाता है। वहीं रामलीला मंचन की व्यवस्था में रामलीला समित के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद तिवारी, अरविंद मिश्रा, कन्हैया प्रसाद, वैभव तिवारी आदि तिवारीपुर रामलीला समिति के कार्यकर्ता व पदाधिकारी जुटे हुए हैं।