अंबेडकर नगर। तिवारीपुर रामलीला रंगमंच पर अयोध्या से आए हुए कलाकारों ने रामलीला मंचन के आठवें दिन सूर्पनखा के राम लक्ष्मण पर मोहित होने से लेकर सीता हरण तक की लीलाओं का मंचन किया। पंचवटी में विचरण के करते समय सूर्पनखा राम लक्ष्मण पर मोहित हो जाती है।और विवाह के लिए सुंदर रूप धारण कर राम लक्ष्मण के समक्ष उपस्थित होती है।और अपने विवाह के लिए प्रस्ताव करती है। जिस पर रामचंद्र जी स्वयं वैवाहिक होने की बात कहकर उसे लक्ष्मण के पास भेज देते हैं। दोनों भाइयों से अनुनय विनय करने के बाद जब उसे सफलता नहीं मिलती है तो वह राक्षसी रूप धारण कर सीता पर झपट पड़ती है, जिस पर क्रोधित होकर लक्ष्मण जी उसका नाक काट देते हैं। नाक कटने बाद अपनी कटी हुई नाक को लेकर वह अपनी भाई खंण, दूषण के पास पहुंचती है। खंण, दूषण अपनी सेना लेकर रामचंद्र जी से युद्ध के लिए जाता है और वीरगति को प्राप्त होता है। सूर्पनखा अपने भाई रावण के पास लंका पहुंचती है और वह पूरी बात उन्हें बताती है। क्रोधित होकर रावण साधु का भेस धारण कर छल से माता सीता का हरण करता है। सीता हरण के ही साथ श्री राम लीला महोत्सव तिवारीपुर में चल रहे रामलीला मंचन के आठवें दिन की लीला का समापन हो जाता है। वहीं रामलीला मंचन की व्यवस्था में रामलीला समित के अध्यक्ष दुर्गा प्रसाद तिवारी, अरविंद मिश्रा, कन्हैया प्रसाद, भागवत तिवारी आदि तिवारीपुर रामलीला समिति के कार्यकर्ता व पदाधिकारी जुटे हुए हैं।