अंबेडकर नगर। जिलाधिकारी अविनाश सिंह, अपर जिलाधिकारी डॉ. सदानंद गुप्ता तथा कलेक्ट्रेट के अन्य अधिकारी/कर्मचारी द्वारा डॉ. भीमराव अंबेडकर के पुण्यतिथि के अवसर पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया गया। इस दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि डॉ भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है वे एक बड़े समाज सुधारक और विद्वान थे। उन्हें अपने कार्यों और विद्वता के लिए जाना जाता है।
बाबा साहब का जन्म 14 अप्रैल 1891 मध्य प्रदेश के महू में हुआ था और वो अपने माता-पिता की 14 वीं संतान थे। उन्होने बॉम्बे विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद, कोलंबिया विश्वविद्यालय और लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया और डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। वे एक बहुत बड़े अर्थशास्त्री, समाजसुधारक, न्यायविद और राजनीतिज्ञ थे।1990 में उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ‘भारत रत्न’ सम्मान प्रदान किया गया।
उनकी मृत्यु 6 दिसंबर 1956 को हुई। इस तिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के तौर पर मनाया जाता है। उन्होंने हमेशा ही दलितों की स्थिति में सुधार लाने के लिए काम किया। छुआछूत जैसी कुप्रथा को खत्म करने में भी उनकी बड़ी भूमिका मानी जाती है। उनके अनुयायियों का ये मानना है कि उनके गुरु भगवान बुद्ध की तरह ही काफी प्रभावी और सदाचारी थे और उनके कार्यों की वजह से उन्हें निर्वाण प्राप्त हो चुका है। यही कारण है कि उनकी पुण्यतिथि को महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है।महापरिनिर्वाण एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है मुक्ति। बौद्ध धर्म के प्रमुख सिद्धांतों और लक्ष्यों में से एक है। इसका मतलब ‘मौत के बाद निर्वाण’ है। इसी प्रकार के कार्यक्रम जनपद के अन्य सभी कार्यालय में किया गया।