बसखारी अंबेडकर नगर।बसखारी थाना क्षेत्र के कौड़ाही मजरे गांव नैपूरा निवासी आयुर्वेद के ज्ञाता प्रकाण्ड विद्वान एवं शिक्षामित्र पंडित भुवनेश्वर त्रिपाठी (53) का हृदय गति रुक जाने से आकस्मिक निधन हो गया। उनके निधन की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। बता दें कि पंडित भुनेश्वर त्रिपाठी बड़े ही सरल सहज एवं सुलझे हुए व्यक्ति थे। गृहस्थ आश्रम में रहते हुए भी उन्होंने एक संत जैसा जीवन निर्वाह किया। वे अपने जीवन काल तक घर के कूप (कुंआ) का ही जल पीते थे।कही भी जाते ना कुछ खाते ना कुछ पीते सीधा वापसी में अपने घर का ही जल व भोजन करते थे । कोई भी रोग से पीड़ित व्यक्ति आता था तो वे उनका आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति से उपचार करते एवं बताते थे। ज्योतिषाचार्य होने के कारण ज्योतिष विद्या से ग्रह नक्षत्र के शांति के लिए हवन पूजन जैसे अनुष्ठान से लोगों के कल्याण के लिए हमेशा मानव सेवा धर्म का निर्वहन करते थे ।इसी सप्ताह उन्होंने अपने ज्येष्ठ पुत्र शिव मोहन की शादी बड़े ही धूमधाम से की तीन बेटियों की शादी वह पहले ही कर चुके थे गुरुवार को उनके निधन के बाद ही चहोडा घाट पर उनका अन्तिम संस्कार कर दिया गया।मुखाग्नि उनके छोटे पुत्र सत्यम त्रिपाठी ने दी। उनके आवास पर कई राजनैतिक दलो, सामाजिक, बौद्धिक वर्ग ,पत्रकारो ने पहुंच कर शोक संवेदना व्यक्त कर पीडित परिवार को ढांढस बंधाया।