@ महेंद्र मिश्र
अंबेडकरनगर। योगी सरकार द्वारा एक शासनादेश जारी कर धार्मिक स्थलों के ऊपर लगे तेज ध्वनि से बज रहे लाउडस्पीकरो को उतारने का आदेश दिया था, जिसका कुछ विरोध होने पर अपने आदेश में मंदिर या मस्जिद के परिसर तक ही आवाज रखने का सख्त आदेश दिया था जिसका अमल तत्काल करते हुए प्रशासन द्वारा मंदिरो और मस्जिदों से लाउडस्पीकरो को उतरवा दिया गया था और परमिशन के तहत मंदिरो और मस्जिदों के परिसर तक सीमित आवाज रखने पर लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति जिला प्रशासन द्वारा दिया गया था। वहीं शासन और प्रशासन की आदेश का पालन करते हुए जहां अधिकांश मंदिरों से तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजने लगभग बंद हो गए वही विशेष समुदाय के लोगो द्वारा कुछ दिन तो आदेश का पालन किया गया उसके बाद शासनादेश के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए कुछ स्थानों पर मनमानी तरीके से लाउडस्पीकर तेज आवाज में बजाया जा रहा है। अब मजे की बात तो ये है शासनादेश का पालन कराने वाले प्रशासनिक विभाग के सभी अधिकारियों को भी पता है लेकिन जिम्मेदार अधिकारी कान बंद कर मूक दर्शक बनकर बैठे सब सुन और देख कर इस इंतजार में बैठे रहते है कि कोई शिकायत करे तब हम कार्यवाही के नाम पर कुछ दिखावा करे। लेकिन यदि कोई भी शिकायत करता संबंधित थाना अध्यक्षों को करता है तो उस शिकायत का भी कोई असर नहीं रहता। तो वहीं कहीं कहीं पुलिस द्वारा धीमे आवाज में बजाने को कहा जाता है लेकिन पुलिस द्वारा मनाही करने के बावजूद भी तेज आवाज में लाउडीस्पीकर बजाने वालो के हौसले इतने बुलंद हैं।
वही लाउडस्पीकर संबंध में कई ग्रामीण क्षेत्र के लोगों ने यह भी बताया कि हम लोगों द्वारा संबंधित थाना क्षेत्र के थाना अध्यक्षों को भी जानकारी दी जाती है लेकिन जानकारी होने के बावजूद भी इन लोगों के ऊपर कोई कार्रवाई होती नहीं दिख रही है। वहीं क्षेत्राधिकारी भीटी से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया के संबंधित थाना अध्यक्षों की जिम्मेदारी है कि यदि तेज ध्वनि में कहीं भी लाउडस्पीकर बज रहा है तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई करना सुनिश्चित करें।