◆ समस्या का समाधान न होनें पर होगा जनआंदोलन
अयोध्या। अयोध्या में चल रहे विकास कार्यों में जमीनों के अधिग्रहण को लेकर अयोध्या के साधू संतों ने छोटी छावनी के वाल्मीकी भवन में बैठक की। बैठक में संतो ने आश्रम की जमीनों को डूब क्षेत्र व नजूल भूमि दर्शाने का आरोप स्थानीय प्रशासन पर लगाया। समस्या का समाधान न होने पर जनआंदोलन करने की बात कही।
मणिराम छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कहा कि आश्रम धारी साधू संत, गृहस्थ व सद्गृहस्थ के घर व आश्रम को डूब क्षेत्र कह दिया जाए किसी को नजूल की भूमि बता कर उजाड़ा जाए। ऐसा नही होना चाहिए। अयोध्या के सभी महापुरूष एकत्र है सब संकल्प बद्ध नही तो हम सभी जनआंदोलन करेंगे। अयोध्या किसी की भूमि रही है जिसने भी यहां जमीन लिया है उसने न्यायिक प्रक्रिया से जमीन लिया है। सरकार ने इस पर शुल्क लिया है। इसी जिम्मेदारी सरकार की है। उसी को ही दोष दिया जाएगा। इस संबंध में सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने उन्होंने यह प्रकरण रखा था। पुनः भी इसे मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया जाएगा। किसी प्रकार से किसी को विस्थापित नही होनें नही दिया जाएगा नही तो जनआंदोलन किया जाएगा।
दशरथ महल के महंत बिंदुगद्दाचार्य देवेंद्र प्रसादाचार्य ने कहा कि जो लोग अयोध्या में बसे हुए है उनके उजाड़े नहीं। सरकार का काम बसाना होता है उजाडना नहीं। अयोध्या लोग आते है बसने के लिए यहां रह कर धर्म कार्य करेंगे। उन्हें उजाड़ दिया जाएगा इससे अयोध्या सुशोभित नही होगी। अयोध्या को धर्मस्थल के रूप में विकसित करें पिकनिक स्पाट के रूप में नहीं। विकास हो लेकिन किसी को कष्ट देकर नही अगर किसी को विस्थापित किया जा रहा है तो उसे कहीं स्थापित किया जाए।
इस बैठक में महंत बृजमोहन दास, रामकथा कुंज के महंत डॉ रामानंद दास, सिद्धपीठ नाका के महंत रामदास, सियाराम किला के महंत करुणानिधान शरण, बड़ा भक्तमाल के महंत अवधेश कुमार दास, महामंडलेश्वर सीताराम दास, अंगद दास, पत्थर मंदिर के महंत मनीष दास, बाल योगी महंत राम दास, संकट मोचन सेना के अध्यक्ष संजय दास, हनुमानगढ़ी के पुजारी हेमंत दास, निर्वाणी अनी के महंत मुरली दास सहित सैकड़ो साधू संत उपस्थित रहे।