Saturday, November 23, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्याहनुमानगढ़ी के संतो ने कहा कि अंगद टीला की जमीन हमारी, किसी...

हनुमानगढ़ी के संतो ने कहा कि अंगद टीला की जमीन हमारी, किसी भी कीमत पर नहीं देगे ट्रस्ट को

Ayodhya Samachar

अयोध्या। सिद्धपीठ हनुमानगढ़ी के नागा संताें ने शुक्रवार को श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के खिलाफ माेर्चा खाेल दिया। सभी नागा संताें ने एक स्वर में कहा है कि वह किसी भी कीमत पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट काे हनुमानगढ़ी के अंगद टीला की जमीन नही देंगे। इसके लिए चाहे उन्हें बड़ा आंदोलन ही क्यों ना करना पड़े।

     श्रीनिर्वाणी अनी अखाड़ा के श्रीमहंत व हरिद्वारी पट्टी के महंत मुरली दास महाराज ने कहा कि अंगद टीला की जमीन हनुमानगढ़ी हरिद्वारी पट्टी की जमीन हैै। जहां पर मंदिर में हनुमानजी और अंगद की मूर्ति विराजमान है। उस जमीन पर हमसे बहुत पहले मंदिर बना हुआ। तबसे वहां पर हम सब पूजा-पाठ करते हुए चले आ रहे हैं। लेकिन आज मंदिर की छवि काे समाप्त करने का कुचक्र रचा जा रहा है। हम हरिद्वारी पट्टी के महंत हैं। तबसे अंगद टीला की जमीन काे नजूल में दर्शाया जा रहा है। । इससे पहले महंत नारायण दास, महंत गाेकुल दास, महंत रामनेवाज दास, महंत जयकरन दास हरिद्वारी पट्टी के महंत थे। तब यह जमीन नजूल नही थी। उन्हाेंने आराेप लगाते हुए कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ऐसा कुचक्र रचकर इस जमीन काे लेने की काेशिश कर रहा है, जिससे वह यहां पर हाेटल बनाकर ज्यादा रूपया कमा सके। महंत ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारी जमीन सुरक्षित रहे। सड़क चाैड़ीकरण में जिन साधुओं व व्यापारियों का मंदिर, मकान, दुकान गया है। उनकाे हम यहां पर बसाने का काम करेंगे। वहीं महंत ज्ञानदास महाराज के  उत्तराधिकारी एवं संकटमोचन सेना राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय दास ने कहा कि हनुमानगढ़ी पंच रामानंदीय निर्वाणी अखाड़ा पट्टी हरिद्वारी महंत मुरली दास महाराज के नाम से यह अंगद टीला की जमीन है। जाे श्रीरामजन्मभूमि व श्रीराम हॉस्पिटल के बीचाे-बीच है, जिसमें 1320 से यह जमीन फसली है। उस समय रामनारायण दास हरिद्वारी पट्टी के महंत थे। यह जमीन नजूल में नही थी। उसके बाद 1330 में गाेकुल दास आए। तब भी यह नजूल में नही रही। फिर 1335 में जयकरन दास महंत हुए। उस दाैरान भी यह नजूल में नही था। खेवटदार उस समय महंत जयकरन दास थे। फिर 1359 में रामनेवाज दास हुए। उस समय भी जमीन नजूल में नही रही। उसके बाद महंत मुरली दास हुए। उन्होंने कहा कि प्रशासन या श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कुचक्र रचकर इस जमीन काे नजूल में दर्शा दिया। ताकि भविष्य में यह जमीन लेने के लिए यह ठीक रहे। हम लाेगाें का मुकदमा रेवेंयू एवं सदर मुंसफ के यहां चल रहा है। ऐसी स्थिति में इस जमीन पर काेई निर्माण या अन्य कार्य नही हाेना चाहिए। संजय दास ने आराेप लगाते हुए कहा कि कल यहां पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने गेट खाेलने का प्रयास किया, जिसकाे हम लाेगाें ने कामयाब नही हाेने दिया। उस जगह पर आज भी ताला लगा हुआ और खुदाई भी कर रहे हैं। इस जमीन के लिए हमें जाे भी आंदोलन करना पड़ेगा। वह हम करेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ही ऐसा करवा रहा है। ट्रस्ट इस तरह का कार्य करे ताे अच्छा नही है। दूसरे की जमीन हड़पे मैरिज लॉन या हाेटल बनाने के लिए ताे यह गलत बात है। इस जमीन का मुकदमा श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट से चल रहा है। शासन-प्रशासन काे भी इसमें इंवाल्व किया है। हमारी जमीनाें काे लेने का किसी काे काेई अधिकार नही है। अगर ट्रस्ट ले रहा है ताे इसके गंभीर परिणाम हाेंगे। इस अवसर पर श्रीपंच रामानंदीय निर्वाणी अनी अखाड़ा के समस्त नागातीत माैजूद रहे।

Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments