अंबेडकर नगर। जिला मुख्यालय पर स्थित बीएनकेबी महाविद्यालय के 6/65वीं बटालियन एन. एन. सी. द्वारा जी 20 के सफल आयोजन के उपलक्ष्य में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ विषयक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. शुचिता पांडेय ने की। मुख्य अतिथि के रूप में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. सत्यप्रकाश त्रिपाठी, विशिष्ट अतिथि के रूप में बीएड विभाग के सहायक आचार्य डॉ. आलोक तिवारी और हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. शशांक मिश्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन वागीश शुक्ल और धन्यवाद ज्ञापन लेफ्टिनेंट डॉ. विवेक तिवारी ने किया।
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. शुचिता पाण्डेय ने कहा कि भारत ने जी 20 का सफल आयोजन कर पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है।10 महीने के अंदर देशभर के 60 शहरों में जी20 की 200 से ज्यादा बैठकें हुईं, इसके आखिरी चरण में 9 और 10 सितंबर को सभी राष्ट्र प्रमुख दिल्ली में मिले और वैश्विक मसलों पर मंथन किया और चुनौतियों से एक साथ निपटने का संकल्प लिया। साल 2023 का ये आयोजन रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन के साथ समाप्त हुआ। सभी ने भारत की अध्यक्षता और मेहमाननवाजी की तारीफ की और शुक्रिया कहा।
मुख्य वक्ता हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. सत्यप्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि ग्रुप ऑफ ट्वेंटी अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच है। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जी 20 की स्थापना 1999 में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई थी। जी 20 शिखर सम्मेलन प्रतिवर्ष एक क्रमिक अध्यक्षता में आयोजित किया जाता है। शुरुआत में जी 20 व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित था, परंतु बाद में इसके एजेंडे में विस्तार करते हुए इसमें अन्य बातों के साथ व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण, जलवायु परिवर्तन और भ्रष्टाचार-विरोध शामिल किया गया।
विशिष्ट वक्ता डॉ. आलोक तिवारी ने कहा कि जी 20 का 18वां समिट ऐतिहासिक हो गया है। भारत ने संयुक्त घोषणा पत्र पर दुनिया के दिग्गजों के बीच ना सिर्फ सहमति पर बनवाई, बल्कि पुराने साझेदार रूस से दोस्ती भी निभाई और यूक्रेन युद्ध में रूस के नाम का जिक्र तक नहीं होने दिया. इसे भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है. भारत ने जी-20 के बहाने पूरी दुनिया को अपनी ताकत का एहसास कराया। देशभर में कुल 10 महीने में 60 शहरों में ताबड़तोड़ 200 से ज्यादा बैठकें की गईं और दुनियाभर से जुड़े हर विषयों पर चर्चा, सुझाव और प्रस्ताव लिए गए। इस अवसर पर अंचल चौरसिया, संजय सिंह समेत एन.एन.सी. कैडेट्स के अतिरिक्त बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया।