Saturday, September 21, 2024
HomeAyodhya/Ambedkar Nagarअयोध्याबढ़ते किशोर कुपोषण का मुख्य कारण एडिक्टिव ईटिंग : डा मनदर्शन

बढ़ते किशोर कुपोषण का मुख्य कारण एडिक्टिव ईटिंग : डा मनदर्शन

अयोध्या । डा आलोक मनदर्शन ने बताया कि बढ़ते किशोर कुपोषण का मुख्य कारण एडिक्टिव ईटिंग या इमोशनल ईटिंग है। इसमें वही चीजे खाने की लत बार बार महसूस होती जिसमे हाई लेवल कार्बोहाइड्रेट, शुगर ,फैट और साल्ट होते है और मन को अपनी लत का शिकार बना लेते हैं। रही सही कसर इन पदार्थों की मार्केटिंग व हमजोली समूह पूरी कर देता है। इसके दुष्परिणाम मोटापा, एनीमिया, आंखों की रोशनी कम होना, अवसाद, एंग्जायटी, थकान, अनिद्रा, पढ़ाई में मन न लगना, उन्मादित व्यवहार जैसे रूप में दिखाई पड़ रहें है तथा हाई ब्लडप्रेशर, डॉयबिटीज व हृदय रोग का कारण बन रहे हैं। यह बातें आदर्श इंटर कॉलेज में आयोजित किशोर मनमंच कार्यशाला में मनोपरामर्शदाता डॉ आलोक मनदर्शन ने कही।

डॉ मनदर्शन के अनुसार आज के समय में किशोरो के स्ट्रेस में होने के कारण उनके मष्तिष्क में कार्बोहाइड्रेट क्रेविंग या अति कार्बोहाइड्रेट वाले पदार्थों की तलब पैदा होती है और फिर यही स्ट्रेस ईटिंग पैटर्न एडिक्टिव ईटिंग के रूप में हावी होकर पूरे खानपान को इस तरह दुष्प्रभावित कर देती है कि शरीर तेज़ी से कुपोषण का शिकार होने लगता है। एडिक्टिव ईटिंग को इमोशनल ईटिंग भी कहा जाता है।डॉ पूजा ने बताया कि फ़ास्ट फ़ूड, चाइनीज फूड, पिज़्ज़ा, बर्गर,बेकरी फ़ूड, सॉफ्टड्रिंक, पैकेज्ड फ़ूड, मैदे से तैयार व ज्यादा शुगर वाले खाद्य पदार्थ जंक फूड की श्रेणी में आते हैं। इनकी जगह पर पारम्परिक खाद्य पदार्थों, ताजे फल व सब्जियां तथा पेय पदार्थों में छाछ,लस्सी व शिकंजी आदि का प्रयोग होना चाहिये जिससे भरपूर पोषण मिलता है। युवाओं में स्ट्रेस ईटिंग या इमोशनल ईटिंग हैबिट के प्रति जागरुकता व माइंडफुल ईटिंग की ट्रेनिंग हेल्दी फ़ूड हैबिट के लिये काफी मददगार होती है। कार्यशाला में आर के तिवारी, आलोक श्रीवास्तव व अब्बास ने प्रतिभाग किया तथा 95 छात्रो की हीमोग्लोबिन जांच हुयी।मनमंच क्विज में दिव्यांश रावत, मनीष कुमार तथा प्रखर पांडे विजेता रहे।

Ayodhya Samachar

Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar
Ayodhya Samachar

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments