किछौछा अम्बेडकर नगर। विकासखंड बसखारी के ग्राम सभा बेला परसा गांव में अंजुमन अब्बासिया के नेतृत्व में 12 सफर का वार्षिक जुलूसे अजा निकाला गया। जुलूस के दौरान स्थानीय व बाहरी अंजुमनों के सदस्यों ने नौहाख्वानी व सीनाजनी की, जबकि उलेमाओं ने कर्बला के शहीदों पर प्रकाश डालकर माहौल को गमगीन बना दिया। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त मौलाना डा० सैय्यद कल्बे रुशैद कुम्मी साहब ने अपने विशेष अंदाज में तकरीर पेश कर माहौल को भावुक बना दिया। उन्होंने कहा कि इस्लाम आपसी भाईचारे का पैगाम देता है। हजरत मोहम्मद मुस्तफा स.अ. के नवासे हजरत इमाम हुसैन ने दीने इस्लाम को बचाने के लिए अपने पूरे खानदान की कुर्बानी दे दी पर इसको मिटने नहीं दिया। आज इस्लाम पूरी दुनिया जो फैला है वोह इमाम हुसैन की शहादत की देन है। हज़रत अली की शहादत हो या फिर इमाम हुसैन की शहादत हो सभी ने इस्लाम की हिफाजत के लिए अपना सबकुछ कुर्बान कर दिया। मौलाना कल्बे रूशैद ने कहा कि आज हमे जरूरत है कि अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने के साथ दीने इस्लाम से भी रूबरू करायें जिससे कि हमारे इमाम का पैगाम दुनिया तक पहुंच सके। वहीं अलम, ताबूत व जुल्जनाह की जियारत के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुलूस में शामिल होने के लिए पहुंचे। आयोजन समिति से जुड़े असलम अब्बास ने बताया कि जुलूस के दौरान अंजुमन मुहाफिजे अजा़ दरियाबाद इलाहाबाद, अंजुमन हैदरिया मनीहारपुर सुल्तानपुर, अंजुमन दस्ता ए मासूमिया घोसी, अंजुमन जुल्फेकारिया जौनपुर, व अंजुमन पंजतनी जलालपुर के सदस्यों ने जब विशेष अंदाज में नौहा पढ़ा, तो उन्हें सुनने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। नौहे के दौरान प्रत्येक की आंखों से बरबस ही आंसू निकल पड़े। दौराने जुलूस मौलाना सैय्यद शम्स तबरेज झारखंड ने कर्बला की याद को ताज किया।मौलाना सैयद जफर मेंहदी नसीराबाद, मौलाना सैयद शारिब अब्बास ने तकरीर किया। इस दौरान अंजुमन अब्बासिया बेला परसा के सभी सदस्य मौजूद रहे।