अंबेडकर नगर। जिला मुख्यालय पर स्थित बीएनकेबी महाविद्यालय में इस बार स्वतंत्रता दिवस पर अंग्रेजों द्वारा प्रतिबंधित गीतों की गूंज सुनाई देगी। उत्तर भारत के किसी महाविद्यालय में यह गीत पहली बार गाए जायेंगें।आज़ादी के आंदोलन के दौरान अंग्रेज़ों ने ऐसे बहुत सारे गीतों को प्रतिबंधित कर दिया था, जिनमें आज़ादी के प्रति जुनून था। भारतीय जनमानस में आजादी की चेतना को रोकने के लिए अंग्रेजी शासन ने ऐसे गानों को समय-समय पर प्रतिबंधित किया था। 15 अगस्त पर होने वाले इस कार्यक्रम की जानकारी देते हुए कार्यक्रम संयोजक वागीश शुक्ल ने बताया कि यह गीत इंस्टीट्यूट ऑफ इमिनेन्स प्रोजेक्ट के तहत हिन्दी विभाग, हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय एवं सीएसडीएस,नयी दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में चल रहे प्रतिबंधित साहित्य के प्रोजेक्ट के तहत प्रकाश में आए। ‘ ऐसो राज फिरंगी आयो’, ‘स्वदेशी गान’, ‘त्यागो गुलामी पथ को, देशी- प्रथा प्रचारो’, भारत के शेर जागो अब बदला है जमाना जैसे गीत अकबरपुर की धरती पर गूंजेंगें। महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. शुचिता पाण्डेय ने कहा कि जब देश ‘मेरी माटी,मेरा देश’ अभियान के तहत शहीदों को याद कर रहा है, ऐसे समय में अंग्रेज़ों द्वारा प्रतिबंधित गीत के तराने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश की मिट्टी में फिर से आजादी के सपनों की खुश्बू बिखरेंगें। स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर ध्वजारोहण कार्यक्रम 10 बजे सुबह निर्धारित है। इसके अतिरिक्त महाविद्यालय के छात्र- छात्राओं द्वारा नाटक, कविता,शायरी,नृत्य,संगीत जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्र- छात्राओं द्वारा प्रस्तुत किए जायेंगें।