अम्बेडकर नगर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान आलापुर में चल रहे विज्ञान किट का प्रभावी प्रयोग हेतु कंपोजिट विद्यालय के शिक्षकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन हो गया। इस अवसर पर डायट प्राचार्य ब्रजेश उपाध्याय ने कहा कि विज्ञान की पढ़ाई को रोचक बनाने के उद्देश्य से विद्यालयों में साइंस किट उपलब्ध कराया गया है। इसका उद्देश्य यह भी है कि छात्र-छात्राओं को खेल-खेल में तथा प्रायोगिक तौर पर शिक्षा दी जाए, ताकि आसानी से उन्हें विषय समझ में आ जाए।
विज्ञान किट की सहायता से बच्चा प्रयोगात्मक रूप से विज्ञान सीखने में सक्षम होता है। बच्चों के लिए ज्ञान को ज्ञान में बदलने के लिए अनुभवात्मक शिक्षा या अनुभव से सीखना आवश्यक है। यह बच्चे को अधिक ज्ञान ग्रहण करने में मदद करता है और यह सुनिश्चित करता है कि सीख लंबे समय तक मस्तिष्क में बनी रहे। शैक्षिक विज्ञान किट छात्रों के लिए सीखने को अधिक प्रभावी बनाती हैं।
प्रशिक्षण प्रभारी वीना चौधरी ने अपने उद्बोधन में कहा कि विज्ञान किट सीखने को मनोरंजक और आनंददायक बनाती हैं। क्योंकि ये किट उपलब्ध हैं, बच्चे प्रयोग करते समय आनंद ले सकते हैं। विज्ञान किट बच्चों को विषय वस्तु को बेहतर तरीके से समझने में मदद करती है। विज्ञान किट वास्तव में विज्ञान सीखने का सबसे सुरक्षित तरीका है। विज्ञान में ऐसे कई सिद्धांत और सिद्धांत हैं जिन्हें व्यवहारिक रूप से प्रदर्शित करने पर ही समझा जा सकता है। शिक्षण के संदर्भदाता दिनेश कुमार मौर्य, अखिलेश कुमार, अनीश कुमार ने बताया कि यह प्रशिक्षण अत्यंत प्रभावशाली रहा प्रतिभागियों द्वारा शिक्षण कार्यक्रम में बढ़-चढ़कर प्रतिभा किया गया जिससे कि सीखने सिखाने का एक माहौल सा बन गया। प्रतिभागियों के बीच से ही कई लोगों ने विज्ञान किट के द्वारा विभिन्न प्रयोगों से विषय वस्तु को समझने हेतु तरीकों को बताया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में कुल 10 शिक्षा क्षेत्र से 100 प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। प्रशिक्षण का समापन डायट प्राचार्य द्वारा प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित कर किया गया। इस अवसर पर डायट के प्रवक्ता अब्दुल फैजान, डॉ0मोहम्मद अफजल ,राम सूरत ,डॉ0 कृष्ण, राकेश कुमार वर्मा, शशिकांत, श्री श्याम बिहारी बिंद, नित्येश प्रसाद तिवारी उपस्थित रहे।