◆ सवालों के घरे में है हास्पिटल, संलिप्तता की भी पुलिस कर रही है जांच,
◆ फिरहाल सीडब्लूसी के पास है बच्चा, दोनो दम्पत्तियों से पुलिस की पूछताछ जारी
अयोध्या। देवांश हास्टिल से गायब बच्चा दूसरे दम्पत्ति के पास मिला। घटना को लेकर हास्पिटल पर मुकदमा पंजीकृत हुआ है। बच्चा फिरहाल सीडब्लूसी के पास है। पुलिस दोनो दम्पत्तियों से पूछताछ कर रही है। हास्टिपल की संलिप्ता की जांच भी पुलिस द्वारा की जा रही है। मामला पिछले कुछ दिनों से सुर्खियों में है। हास्पिटल की संचालिका का पहले भी गुमराह करने वाला बयान आया था।
देवांश हास्पिटल की नेहा डाक्टर पर दर्ज हुआ है मुकदमा
देवांश हास्पिटल की नेहा डाक्टर पर घटना को लेकर धारा 120 बी, 363 व 506 के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ है। थाना इनायतनगर के कहुवा निवासी अतुल दूबे ने कोतवाली नगर में दी तहरीर में आरोप लगाया है कि अपनी पत्नी काजल को गर्भावस्था के समय वह जिला चिकित्सालय ले गया। जहां से उसे देवांश हास्पिटल का एक आदमी मिला। जिसने पत्नी का इलाज सस्तें में कराने की बात कही। देवांश हास्पिटल में 5 जून को काजल को बच्चे की डिलीवरी आपरेशन के माध्यम से हुई। उसे आईसीयू में रखा गया तथा एक सप्ताह के बाद पत्नी को छुट्टी मिली। छुट्टी के बाद उसे बच्चा नहीं सौपा गया। अतुल ने घटना में 5 जून 3ः30 मिनट की सीसीटीवी फुटेज जांच करने की मांग की है।
मामले में क्या कहना है पुलिस का
प्रभारी निरीक्षक कोतवाली नगर ने बताया कि अतुल दूबे ने कोतवाली में एक शिकायती पत्र दिया कि हमारा बच्चा देवांश हास्पिटल में पैदा हुआ तथा हास्पिटल अब बच्चा नहीं दे रहा है। जांच के समय यह निर्णय लिया गया कि मामले में मुकदमा पंजीकृत करके प्रापर विवेचना की जाय। इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि इनको एक प्री मिचोर बेबी हुआ था। सहमति अथवा असहमति विवेचना में सामने आयेगी परन्तु अभी यह सामने आ रहा है एक और परिवार जिसको बच्चे की जरुरत थी। उसको हैंडओवर कर दिया। वादी मुकदमा और मया बाजार के संतोष तिवारी जिनके पास बच्चा है। दोनो को सीडब्लूसी के पास पेश किया गया। बच्चा मिल गया। सीडब्लूसी ने इस बच्चे को बाल सुरक्षा समिति को हैंडओवर कर दिया। फिर वादी मुकदमा कहने लगा कि हम गरीब आदमी है अगर बच्चा इन्हें सौप दिया जाय तो हमें कोई आपत्ति नहीं है। अभी पूरे मामले की जांच चली रही है।
क्या कहना है मामले में जानकारों का
पूरे प्रकरण में एडवोकेट श्वेताराज सिंह का कहना है कि पूरे मामलें में हास्पिटल दोषी है। इस प्रकरण की गहनता से जांच की जानी चाहिए। जिसमें कई नई बातें भी सामने आ सकती है।