अम्बेडकरनगर। ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की कटेहरी बाजार के शाखा द्वारा संस्था की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी की 58वीं पुण्यतिथि आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मनाई गई।
सेवा केंद्र संचालिका बीके सुमन ने बताया कि संस्था द्वारा मानव कल्याण के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि हम हर कार्य करते हुए एक सार्थक और बेहतर जीवन जी सकते हैं।
जीवन में सुख शांति की अनुभूति एवं अपने कर्म को श्रेष्ठ बनाने के लिए संस्था द्वारा सिखाए जा रहे आध्यात्मिक ज्ञान को जीवन में धारण करने पर विशेष बल दिया। क्योंकि हमारे कर्म ही सुख-दुख का आधार और श्रेष्ठ व सुखद जीवन का आधार है, श्रेष्ठ कर्म। मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती के जीवन चरित्र पर प्रकाश डालते हुए बीके साधना बहन ने कहा उनका बचपन का नाम ॐ राधे था।
छोटी सी उम्र में ब्रम्हाकुमारी ज्ञान में आई और सर्वस्व जीवन ईश्वरीय कार्य अर्थ समर्पित की। ज्ञान में आते ही संस्था की जिम्मेदारियों को जीवन में ऐसे ढाला की छोटी उम्र की कुमारी, मम्मा का टाइटल प्राप्त की। यग रक्षक मातेश्वरी जगदंबा ने इस धरा पर युगांतकारी परिवर्तन का संवाहक बनकर हजारों आत्माओं के मानस पटल पर परमात्मा शिव के ईश्वरीय ज्ञान की जो अमिट छाप लगाई है, वह वर्तमान समय में लाखों मनुष्य आत्माओं के जीवन को अलौकिक कर रहा है।
बीके गिरजा संकर भाई ने बताया कि मातेश्वरी जगदंबा के रूप में परमात्मा ने इस संसार में ब्रह्मावत्सों तथा लाखों मनुष्य आत्माओं को मातृत्व की सुखद आंचल की छत्रछाया की पालना करके अपने ममतामई स्वरूप को प्रकट किया। ऐसे महान विभूति के पुण्य स्मृति दिवस पर हम सभी दिव्य गुणों को धारण करने पर विशेष संकल्प करेंगे।
अतिथियों ने पुष्पमाला पहनाकर मातेश्वरी जी को अपनी श्रद्धा सुमन अर्पित किए और अन्य सभी भाई बहने मम्मा को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए जीवन में दिव्य गुण धारण करने का संकल्प लिए। अंत में मुख्य अतिथि को ईश्वरीय उपहार तथा प्रसाद विदाई में भेंट स्वरूप प्रदान की गई। इस मौके पर बीके अंजनी चतुर्वेदी, विजय शंकर ,प्रवीण श्रीवास्तव उमापति ,रामजीत ज्ञानमती ,शांति देवेश चतुर्वेदी ,दीपक, आदि लोग उपस्थित रहे।