अयोध्या। सिंधुपति राजा दाहिर सेन के बलिदान दिवस पर सिंधु सेवा समिति के तत्वावधान में कार्यक्रम आयोजित किया गया। सिविल लाईन स्थित राजा दाहिर सेन पुष्पराज चौराहे पर माल्यार्पण कर श्रद्वांजलि अर्पित की गई। आमजनमानस हेतु संस्था द्वारा शर्बत वितरण किया गया।
सिंधु सेवा समिति के अध्यक्ष मोहन मन्ध्यान ने कहा कि अरबों की सेना के साथ राजा दाहिरसेन बहादुरी से लड़े व वो सिंध प्रांत के अन्तिम सम्राट थे। सिंधु सेवा समिति उपाध्यक्ष अमृत राजपाल ने कहा कि राजा दाहिर सेन वीर,साहसी व पराक्रमी थे व उनकी दोनों बेटियों परिमल व सूर्या भी अत्यतं साहसी व बहादुर थी और राजपाल नें उत्तर प्रदेश सरकार से मांग की कि सरकारी पाठ्यक्रम 6,7,8 की कक्षाओं में राजा दाहिर सेन की जीवनी शामिल की जाए। समिति के सरक्षक वरिष्ठ समाजसेवी वेद प्रकाश राजपाल व संरक्षक गिरधारी चावला ने कहा कि अपनी सभ्यता, संस्कृति व राष्ट्र की रक्षा के लिए दाहर सेन के पूरे परिवार ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। संस्था महासचिव जे.पी.क्षेत्रपाल ने बताया कि सिंधु सेवा समिति कार्यालय के प्रांगण में भी राजा दाहिरसेन की याद में 15 व 17 जून को शरबत वितरण किया जाएगा।
उक्त अवसर पर सिंधु सेवा समिति सरक्षक वेद प्रकाश राजपाल, संरक्षक गिरधारी चावला, अध्यक्ष मोहन लाल मंध्यान उपाध्यक्ष अमृत राजपाल , सेंट्रल पंचायत (नगर)के मुखिया पवन कुमार जीवानी, कमलेश केवलानी मुखिया बूलचंद चंगुलानी, मुखिया राजकुमार जीवानी, खया राजकुमार मोटवानी, मुखिया सुशील केशवानी, महासचिव जे.पी.क्षेत्रपाल, सुनील मंध्यान ,नरेंद्र छेत्रपाल, कोषाध्यक्ष सुखदेव रावलानी, ओम मोटवानी, शकर राजपाल, कन्हैया लाल माखेजा, अर्जुन दास वासवानी, कपिल हासानी, कैलाश मंध्यान उपस्थित थे ।