Sunday, September 22, 2024
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रानीमऊ मवई में किया गया जनवादी साहित्य चौपाल का आयोजन

अयोध्या। जनवादी लेखक संघ जिला कमेटी के तत्वावधान में जनवादी साहित्य चौपाल का आयोजन ग्राम रानीमऊ, मवई में किया गया। कार्यक्रम की आयोजन समिति के संयोजक वरिष्ठ कवि रामदास सरल एवं पूर्व प्रधान रमेशचन्द्र गुप्ता थे। इस अवसर पर वरिष्ठ कवि अल्हड़ गोंडवी की अध्यक्षता व संगठन के उपाध्यक्ष युवा शायर मुजम्मिल फिदा के संचालन में हुआ,।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि युवा लेखिका व कवयित्री गरिमा सिंह रही। जलेस के सदस्य और शहीद भगत सिंह ट्रस्ट के चेयरमैन सत्यभान सिंह जनवादी विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल रहे। कार्यक्रम के अन्तर्गत मुख्य रूप से गीत-ग़ज़ल एवं कवितापाठ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का परिचय देते हुए सत्यभान सिंह जनवादी ने कहा कि ग्रामीण अंचल में साहित्य और संस्कृति के प्रति जागरूकता का प्रसार करने के लिए इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि साहित्य का जीवन में महत्व अत्यंत मूल्यवान है। कार्यक्रम में फैज़ाबाद जनपद के महत्वपूर्ण कवियों और शायरों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। कवि-गोष्ठी में युवा कवयित्री गरिमा सिंह ने कहा कि ‘कहीं तो रुकेगा तुम्हारी ख़्वाहिशों का कारवाँ, क्या क़ब्रिस्तान से निकलकर फिर घर जाओगे’। युवा शायर मुजम्मिल फिदा ने सच बोल के सभी को खफा कर दिया जनाब,हर शख्स कह रहा है ये क्या कर दिया जनाब।पढ़कर खूब तालियां बटोरी। वरिष्ठ शायर इल्तिफात माहिर ने ‘नीम की शाख़ को संदल नहीं होने देते, अम्न की बात किसी पल नहीं होने देते, मस्अला यह नहीं सुलझेगा यह झगड़ा कैसे, मस्अला यह है कि तुम हल नहीं होने देते’ जैसी पंक्तियों से सामयिक संदर्भ को अभिव्यक्त किया। कॉमरेड रामदुलारे यादव ने अदम गोंडवी की कविता,क ाजू भरे प्लेट भिस्की गिलास में,उतरा है रामराज विधयाक निवास में पढ़ा।
युवा शायर आर एन कबीर ने ‘पुरखों की दौलत शोहरत सब खेती बारी चली गई। आसमान की ख़्वाहिश में ही ज़मीं हमारी चली गई’ पढ़ते हुए यथार्थ को सामने रखा। इमरान आलियाबादी की पंक्ति ‘दिलों के तार को जो न छेड़े वो प्रवचन कैसा’ और सोमित यादव की पंक्ति ‘फंदे से लटकता किसान किसे याद है’ को खूब सराहा गया। रामदास यादव ने ‘का बताई आपन सोचन सब बेकार होई गवा’ और सरवर बेलहरवी ने ‘सुनौ रामदूलारी’ जैसी अवधी रचनाओं से सभी को मंत्रमुग्ध किया। अध्यक्षता कर रहे व्यंग्य के कवि अल्हड़ गोंडवी ने ‘चुगलख़ोर चमचा चतुर चाटुकार चांडाल’ जैसी रचनाओं से राजनीति पर कटाक्ष किया।वही जेपी श्रीवास्तव ने मेरी कहानी मेरा फ़साना जाना, तुमने सुना तो होगा।लब़ मुसकराये होंगे तेरे, आंखों से आंसू बहा तो होगा।दर्शकों की खूब वाह वाही लूटी।युवा कवि अखिलेश सिंह ने पीड़ा ने समझा पीड़ा को,पीड़ा में ही पाया जीवन को पढ़ा।
कार्यक्रम के अंत मे कार्यक्रम के सयोजक रामदास सरल ने सभी आये हुए कवियों व सम्मानित जनता का आभार व्यक्त करते हुए कार्यक्रम के समापन की घोषणा किया। कार्यक्रम में मुख्यरूप से पूर्व प्रधान सुमित्रा देवी गुप्ता, सुमित यादव, राजू जायसवाल, धर्मेंद गुप्ता, अजय यादव, आशीष कुमार, जितेंद्र वर्मा, प्रदीप कुमार, उमाशंकर, उदयराज यादव, अमर जीत, अजयकुमार, शाहिद ,देशराज,संदीप कुमार, श्याम सुंदर, भगवानदास यादव, मुकेश कुमार, विजय पाल, दिनेश कुमार यादव, शिवकेश यादव, नीलम, दिनेश मिश्रा, उपेंद्र कुमार, रमेश रावत, उत्तम यादव, मेवालाल शर्मा, मुकेश कुमार उपस्थित रहे।

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