◆ पिछले एक साल से बेटी की बरामदगी के लिए अधिकारियों मिल रही थी महिला
◆ भटकते भटकते थक गयी तो भाकियू के साथ तहसील पर बैठी थी अनशन पर
अयोध्या। साहब मेरी बेटी को खोज दों। साल भर से दौड़ रही हूं। नम आंखों से एक बुजुर्ग महिला तहसील के सामने पुलिस के अधिकारियों से अपना दर्द बयां कर रही थी। बुजुर्ग महिला अनशन पर बैठी थी। महिला का स्वास्थ्य खराब होता जा रहा था। पुलिस के अधिकारी उसका अनशन तुड़वाने के लिए पहुंचे। पुलिस अधिकारियों के लाख प्रयास के बाद भी जब महिला ने अनशन नहीं तोड़ा तो उसे जबरन एम्बुलेंस पर लादकर जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
मामला था खण्डासा के एक गांव का बताया जा रहा है। बुजुर्ग महिला का आरोप है कि अप्रैल 2022 से उसकी बेटी लापता है। पड़ोसी पर उसने अपहरण का आरेप लगाया है। परन्तु पुलिस मामले में कोई कारवाई नहीं कर रही है। किसान मोर्चा की महिला उपाध्यक्ष आशा पाण्डेय ने बताया कि महिला द्वारा हर जगह अपलीकेशन दिया गया। 18 अप्रैल को एफआईआर दर्ज हुई। परन्तु पुलिस ने कोई कारवाई नहीं की। केवल आवश्वासन देती है। आज भी पुलिस के अधिकारियों ने 10 दिन के भीतर नाबालिग की बरामदगी का आश्वासन दिया है। आरोपितों को गिरफ्तार किया जाय। वही भाकियू के अन्य पदाधिकारियों ने बताया कि महिला पहले थाने पर गयी। वहां से न्याय न मिलने पर वह सीओं व एसडीएम के पास गयी। इसके बाद एसएसपी के पास भी गयी। मुख्यमंत्री के यहां से भी बरामदगी का आदेश लेकर आयी। परन्तु पुलिस ने मामले में कोई कारवाई नहीं की।
बोले एसपी ग्रामीण अतुल सोनकर
‘‘बालिका की बरामदगी के लिए टीम का गठन किया गया है। जल्द बालिका को बरामद कर लिया जायेगा’’