अयोध्या। विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और वैदिक विद्वानों के साथ स्थानीय रामभक्तों ने मंगलवार को कारसेवकपुरम् के मुख्य द्वार पर सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ कर कर्नाटक कांग्रेस के घोषणा पत्र का विरोध किया। इस दौरान कहा गया कि कांग्रेस की सरकार जब-जब आई है उसने हिंदू संगठनों और हिंदू मान बिंदुओं पर व्यापक कुठाराघात किया। बजरंग दल सामाजिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्य करने वाला युवा संगठन है। जिसका धेय वाक्य है- सेवा सुरक्षा और संस्कार ऐसे संगठन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा करने वाली कांग्रेश का मानसिक संतुलन बिगड़ गया है।
केंद्रीय मंत्री राजेंद्र सिंह पंकज ने कहा बजरंग दल की उत्पत्ति सामाजिक धार्मिक एवं सांस्कृतिक जीवन मूल्यों को संरक्षण देने के लिए हुई है या संगठन युवाओं को संस्कारित उन्हें सेवा के माध्यम से समाज के प्रति जागरूक करने के लिए लगातार सक्रिय है। अनेक प्रकार के कार्यक्रम देश में बजरंग दल के माध्यम से हुए हैं उसे प्रतिबंध करने की घोषणा करने वाली कांग्रेस आतंकियों के हाथों की कठपुतली है। जो सामाजिक विद्वेष फैला कर देश में अस्थिरता पैदा करना चाहती है।
विश्व हिंदू परिषद के मीडिया प्रभारी शरद शर्मा ने कहा बजरंग दल की उत्पत्ति पूज्य संतों के माध्यम से हुई है एक पवित्र लक्ष्य को लेकर चलने वाला यह संगठन कभी भी संतों के आशीर्वाद से दिशा विहीन नहीं हो सकता है। उसका प्रत्येक कार्यकर्ता सामाजिक सांस्कृतिक एवं सेवा संस्कार के प्रति संकल्पित है। कांग्रेस की मानसिकता पूर्ण रूप से तुष्टीकरण में लिप्त है वह सामाजिक एकता में गतिरोध उत्पन्न कर वोट की राजनीति कर रही है।
इस दौरान कार सेवक पुरम् के मुख्य द्वार पर हनुमान जी के चित्र पर पुष्पांजलि और दीप जलाकर आरती भी उतारी गयी। इस अवसर पर चौरासी कोसी परिक्रमा के प्रमुख सुरेंद्र सिंह, सहप्रभारी भूपेन्द्र जी, विभाग मंत्री धीरेश्वर जी, कार्याध्यक्ष कौशिक प्रमाणिक, प्रधानाचार्य इंद्र देव मिश्रा, आचार्य दुर्गा प्रसाद गौतम, नारद भट्टाराई, डा कुशुमलता अग्रवाल, धर्मवीर, अरविंद कुमार, अनुराग पांडेय आदि उपस्थित रहे।