मिल्कीपुर, अयोध्या। भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत जहां गर्भवती महिलाओं को गर्भ की द्वितीय व तृतीय माह में चिकित्सक की देखरेख में निशुल्क प्रसव पूर्व गुणवत्ता परक जांचों एवं उपचार से लाभान्वित किए जाने का निर्देश दिया गया है। वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर पर भारत सरकार द्वारा चलाई गई महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन करने के बाद भी स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते सही समय पर उन्हें जांच, उपचार, पोषण और परिवार नियोजन की सलाह नहीं दी जा रही है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत बीते 17 अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर पर आई दर्जनों गर्भवती महिलाओं की निशुल्क जांच व उपचार कराने हेतु ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन किया गया लेकिन स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही के चलते महिलाओं को अभी तक निशुल्क जांच व उपचार नसीब नहीं हो सका है। गर्भवती महिलाएं विगत 6 दिनों से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मिल्कीपुर तथा योजना से संबद्ध पैथोलॉजी का चक्कर लगाने को मजबूर है। लेकिन परेशान व मजबूत महिलाओं की चिकित्सक से लेकर स्वास्थ्य कर्मी तक कोई सुनने वाला नहीं है। महिलाओं ने बताया की उन्हें इलाज के लिए तेज धूप में सीएचसी मिल्कीपुर तथा पैथोलॉजी का चक्कर लगाना पड़ रहा है लेकिन समय से जांच व उपचार नहीं हो पा रहा है। वही महिलाओं के परिवार के लोगों का कहना है की योजना के तहत गर्भवती को प्रसव पूर्व की समस्त जांच की सुविधा दी जाती है लेकिन स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदार कर्मियों की लापरवाही से मरीजों को सही सुविधा नहीं दी जा रही है।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक राम प्रकाश पटेल ने बताया की पूरे जिले में 17 अप्रैल को महिलाओं की जांच व उपचार हेतु होने वाली ऑनलाइन किसी का भी क्यूआर कोड नहीं बना है। एनएचएम में आई ए बैंकिंग सिस्टम चलता है जो 31 मार्च को सारे पैसे स्टेट से शून्य कर दिए जाते हैं। पैसा शाम 4 बजे के बाद आया है इसीलिए किसी महिला का कोड जनरेट नहीं हुआ। आगामी 24 अप्रैल को सभी का कोड जनरेट कर दिया जाएगा।