अयोध्या। लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश व दीपा एवं लोक जनजाति कला संस्थान के सहयोग से सृजन ग्रीष्मकालीन पांच दिवसीय लिप्पन पेंटिंग कार्यशाला वाणी विकलांग सेवा संस्थान श्रृंगार हाट में संचालित की जा रही है। जिसमें 30 बच्चे लिप्पन पेंटिंग कार्यशाला में प्रतिभाग कर रहे हैं। प्रशिक्षिका दीपा सिंह रघुवंशी ने कहा कि कार्यशाला का उद्देश जरूरतमंद, अनाथ, दिव्यांग व जनजातीय बच्चों को कला की शिक्षा देकर उन्हें रोजगार परख शिक्षा के रूप में संबल प्रदान करना है। बच्चों के लिए रोजगार के लिए यह बड़ा कदम होगा। इससे महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त होंगी। महिला सशक्तिकरण के लिए महिलाओं को खुद मजबूत होना पड़ेगा और अपनी विलुप्त कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देना साथ ही सामाज को उनसे जोड़ने का कार्य करना कि वो किस तरह से इसे व्यवसाय मे शामिल कर सकते हैं। लिप्पन पेंटिंग के विभिन्न बारीकियों को सिखाया जा रहा है यह लिप्पन पेंटिंग दिव्यांग बच्चों को संबल बनने की प्रेरणा दी रही है दिव्यांग बच्चे लिप्पन पेंटिंग सजाने के विभिन्न बारीकी को सीख रहे हैं।
समाजसेविका वाणी शुक्ला ने कहा की दिव्यांग बच्चों को समाज से जोड़ने के लिए और ऐसे बच्चों को कला की शिक्षा देकर समाज का अंग बनाया जाए। लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति विभाग के निदेशक अतुल द्विवेदी दिव्यांग बच्चों को आत्मनिर्भर बनने की प्रेरणा से इन्हे सृजनात्मक शिक्षा की प्रशिक्षण दिया जा रहा है। उनका कहना है कि दिव्यांग बच्चों से जुड़ कर इन्हें स्वावलंबी बनाया जाए। इस दौरान वंदना पांडे,सुमन सिंह, लक्ष्मी वर्मा,नीरज यादव,रितेश यादव, क्षीरेश आदि मौजूद रहे